tag:blogger.com,1999:blog-7092327002169970900.post7972858087190418107..comments2023-07-13T13:07:32.362+05:30Comments on अंकित सफ़र की कलम से...: ग़ज़ल - देख ले मेरी नज़र से तू मेरे महबूब कोAnkithttp://www.blogger.com/profile/08887831808377545412noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-7092327002169970900.post-44147948920599910602009-03-16T21:02:00.000+05:302009-03-16T21:02:00.000+05:30बहुत खूब अंकित !!!!!!!!!बहुत खूब अंकित !!!!!!!!!विक्रांत बेशर्माhttps://www.blogger.com/profile/07105086711896834472noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7092327002169970900.post-66539242155151500372009-03-16T11:03:00.000+05:302009-03-16T11:03:00.000+05:30सुंदर भावों की अतिसुन्दर, अति कर्मठ प्रस्तुति.बधाई...सुंदर भावों की अतिसुन्दर, अति कर्मठ प्रस्तुति.<BR/><BR/>बधाई स्वीकार करें.<BR/><BR/>चन्द्र मोहन गुप्तMumukshh Ki Rachanainhttps://www.blogger.com/profile/11100744427595711291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7092327002169970900.post-59510375922733927222009-03-14T19:44:00.000+05:302009-03-14T19:44:00.000+05:30क्या बात है अंकित मियाँ...भई क्या बात ’ है नहीं तस...क्या बात है अंकित मियाँ...भई क्या बात ’ है नहीं तस्वीर कोई पास मेरे आप की / कर दिया है फ्रेम मैंने आपके मक्तूब को" सुभानल्लाह। इतने मुश्किल काफ़ियों को निभाना आपके बस की ही बात है..गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7092327002169970900.post-39136850641798989042009-03-13T18:40:00.000+05:302009-03-13T18:40:00.000+05:30गुरु जी को बहुत बहुत बह्दाई और शुभकामनाऐं. बाकी गज़...गुरु जी को बहुत बहुत बह्दाई और शुभकामनाऐं. बाकी गज़ल पर तो नीरज जी कह ही गये हैं. भाव उत्तम हैं.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7092327002169970900.post-25295828187305168262009-03-13T15:45:00.000+05:302009-03-13T15:45:00.000+05:30अंकित जी काफिया निभाने में आपने बहुत मेहनत की है.....अंकित जी काफिया निभाने में आपने बहुत मेहनत की है...फिर भी असलूब मक्तूब महबूब लफ्ज़ दो बार आ गए हैं...जो अखरते हैं...हालाँकि आपने " हमसे पूछो कैसे काटी करवटों में रात वो...." जैसे हसीन शेर ग़ज़ल में कहे हैं ...आसान काफिये लेकर ग़ज़ल लिखें आपको मजा आएगा.<BR/>मेरी बात बुरी लगी हो तो क्षमा करें.<BR/><BR/>नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7092327002169970900.post-57813039209616661112009-03-13T13:12:00.000+05:302009-03-13T13:12:00.000+05:30वाह! बहुत खूब। जैसे गुरू वैसे चेले। लोटते रहे गज़ल ...वाह! बहुत खूब। जैसे गुरू वैसे चेले। लोटते रहे गज़ल की हरियाली में और देखते रहे कविता की दूब को:)चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7092327002169970900.post-91599561312879124672009-03-13T12:34:00.000+05:302009-03-13T12:34:00.000+05:30मैं ही बैठा रह गया देखता उस बाम पे होश उड़ गए देख ...मैं ही बैठा रह गया देखता उस बाम पे <BR/> होश उड़ गए देख कर नाजे-खूब को........<BR/><BR/>बहोत खूब अंकित जी ढेरो बधाई आपको...<BR/>गुरु जी को सादर प्रणाम...<BR/><BR/>अर्श"अर्श"https://www.blogger.com/profile/15590107613659588862noreply@blogger.com