16 November 2011

ग़ज़ल - काढ देंगे सहर उजालों की

पिछले महीने दीपावली में सुबीर संवाद सेवा पे आयोजित तरही मुशायरे के लिए ये ग़ज़ल कही थी। कुछ नए शेर जुड़े हैं और कुछ पुराने शेरों में थोड़ी सी और छेड़खानी कर के, आखिरकार ये ग़ज़ल आप से गुफ़्तगू करने के लिए यहाँ है।


(एक खूबसूरत सुबह गुप्त-काशी, उत्तराखंड की)

क़र्ज़ रातों का तार के हर सू
एक सूरज नया उगे हर सू

काढ देंगे सहर उजालों की
बाँध कर रात के सिरे हर सू

तेरे हाथों का लम्स पाते ही
एक सिहरन जगे, जगे हर सू

रात टूटी हज़ार लम्हों में
ख़ाब सारे बिखेर के हर सू

मेरे स्वेटर की इस बुनावट में
प्यार के धागे हैं लगे हर सू

चाँद को गौर से जो देखा तो
जुगनुओं के लिबास थे हर सू

खेल दुनिया रचे है रिश्तों के
जिंदगानी के वास्ते हर सू

चोट खाया हुआ मुसाफिर हूँ
साथ चलते हैं मशविरे हर सू

ख़त्म आखिर सवाल होंगे क्या?
मौत के इक जवाब से हर सू

9 comments:

SANDEEP PANWAR said...

केदारनाथ जी भी यहाँ विराजमान हो गये है। गुप्तकाशी में

नीरज गोस्वामी said...

अंकित एक एक शेर बहुत लगन और मेहनत से तराशे हुए हीरे की तरह बेजोड़ है...इसीलिए किसी एक की चमक दूजे से कम नहीं है...ऐसे शेर कहना किसी उस्ताद के बस की ही बात होती है...हम सबको यकीन है कि एक दिन तुम्हारा ये हुनर तुम्हें बहुत ऊंची पायदान पर ले जायेगा...और क्या कहूँ? गदगद हूँ.



नीरज

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत सुन्दर सृजन!

Pawan Kumar said...

अंकित जी
तरही मुशायरे में अच्छी ग़ज़ल......

.
तेरे हाथों का लम्स पाते ही
एक सिहरन जगे, जगे हर सूँ
.
रात टूटी हज़ार लम्हों में
ख्वाब सारे बिखेर के हर सूँ
.
मेरे स्वेटर की इस बुनावट में
प्यार के धागे हैं लगे हर सूँ
.



इन तीन शेरोन की जितनी तारीफ की जाये उतनी कम .... दाद क़ुबूल फरमाएं

shama said...

खेल दुनिया रचे है रिश्तों के
जिंदगानी के वास्ते हर सूँ
.
चोट खाया हुआ मुसाफिर हूँ
साथ चलते हैं मशविरे हर सूँ
.
ख़त्म आखिर सवाल होंगे क्या?
मौत के इक जवाब से हर सूँ
Gazab ke ashaar hain! Wah!

रश्मि प्रभा... said...

खेल दुनिया रचे है रिश्तों के
जिंदगानी के वास्ते हर सूँ
.bahut hi badhiyaa

रश्मि प्रभा... said...

खेल दुनिया रचे है रिश्तों के
जिंदगानी के वास्ते हर सूँ
.bahut hi badhiyaa

अनुपमा पाठक said...

मेरे स्वेटर की इस बुनावट में
प्यार के धागे हैं लगे हर सूँ
सुन्दर!

Anamikaghatak said...

ati sundar post