18 June 2009

ग़ज़ल - चीज़ मुहब्‍बत है जादू की इक चाबी

सलाम दोस्तों,
फ़िर से आपके सामने हूँ एक नई ग़ज़ल के साथ जो गुरु जी (पंकज सुबीर जी) के आर्शीवाद से इस रूप में आई है।
चीज़ मुहब्‍बत है जादू की इक चाबी।
लहजा बदला, बातें भी बदली बदली।

उनसे मिलना सालों बाद करे पागल,
खत को खोल टटोल रहा बातें पिछली।

हाथ पकड़ जिसको सिखलाया था चलना,
काश वही बनता बूढे की बेसाखी।

बात चुनावों की है तो वे जागे हैं,
नेता क्या हैं जैसे मेढंक बरसाती।

घर की सूखी रोटी अच्छी बाहर से,
बात समझ में आई है अब अम्‍मा की।

ख्वाब सलोने छोड़ अभी, कोशिश तो कर,
मंजिल को पा जाता है बहता पानी।

घर में कोई मेहमा आने वाला है,
छत पे बैठा कौवा बोल रहा ये ही।

ग़ज़ल का आखिरी शेर "घर में कोई मेहमा आने वाला है, छत पे बैठा कौवा बोल रहा ये ही।" जो मैंने लिखा है का ख्याल ऐसे आया की हमारे वहां (उत्तराखंड) ये मान्यता है अगर छत की मुंडेर पे बैठ के कौवा अगर बोले तो वो कोई मेहमान के आने का सन्देश होता है.

12 comments:

ओम आर्य said...

एक जानदार कोशिश ............खुबसूरत रचना

"अर्श" said...

WAAH ANKIT BHAEE BAHOT KHUB LIKHAA HAI AAPNE... BE-RADIF GAZAL KE KYA KAHANE HAR SHE'R UMDAA JANAAB ... KABILE TAARIF BAAT KAHI HAI AAPNE SAARE HI SHE'R ALAG ALAG BHAV LE LIPATE HUYE HAI ...



DHERO BADHAAYEE
ARSH

Vinay said...

बहुत सुन्दर ग़ज़ल है

---
गुलाबी कोंपलें</a

नीरज गोस्वामी said...

घर की सूखी रोटी अच्छी बाहर से....बेहतरीन शेर...पूरी ग़ज़ल ही लाजवाब है ...बधाई अंकित जी
नीरज

योगेन्द्र मौदगिल said...

सुंदर नहीं बहुत सुंदर अंकित जी...

वीनस केसरी said...

अंकित,
आपकी गजल लेखन के निखार आता जा रहा है
गजलें पढ़वाते रहिये
इतने दिन कहाँ गायब हो जाते हैं ?
....
वीनस केसरी

अनिल कान्त said...

bahut khoobsurat bhai

पंकज सुबीर said...

प्रिय अनुज तुम्‍हारी कई सारी मेल पड़ी हैं किन्‍त्‍ु जवाब नहीं दे पाया हूं । दरअसल में कुछ दिनों से कुछ उलझन में हूं । ग़ज़ल अच्‍छी बन पड़ी है ।

संजीव गौतम said...

घर की सूखी रोटी अच्छी बाहर से
बात समझ में आयी है अब अम्मा की
अच्छा शेर...बधाई

Dileepraaj Nagpal said...

Sir Jee,
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संजीव गौतम said...

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गौतम राजऋषि said...

अच्छी बनी है अंकित...खास कर वो सूखी रोटी वाला...
हुम्म्म तो मुम्बई का नया माहौल और नये काम में घर की रोटी की याद सता रही है

...और ये नया मेहमान कौन है?