कभी-कभी लफ्ज़ कम पड़ जाते हैं या कहें कि मिल नहीं पाते कुछ एहसासों के लिए, किन्ही खास लम्हों को कलमबद्ध करने के लिए मगर तस्वीरें उस काम को काफी हद तक आसान कर देती हैं और खामोश रहते हुए भी कई बातें कह जाती है उन लम्हों के बारे में जो अपने आप में इतने बेशकीमती बन चुके होते हैं कि उनको दिल के इक कोने में बड़ी एहतियात से सम्हाल के रख दिया जाता है.
उन्ही कुछ अनमोल पलों को पिरोये हुए ये तस्वीरें कुछ कह रही हैं...........(पदम् श्री डॉ. बशीर बद्र से मुलाक़ात का वो इक हसीं पल)
(जनाब राहत इन्दौरी साहेब से आशीर्वाद पाते वीनस, मैं, रवि भाई और अर्श भाई)
(पदम् श्री बेकल उत्साही साहेब)
(पदम् श्री बेकल उत्साही साहेब)
(गुरु जी के सानिध्य में हम चारों)
(मेरा सौभाग्य देखिये, मेरा जन्म दिन भी कुछ ख़ास बन गया)
वीनस, अर्श भाई और रवि जी से पहली बार साक्षात मुलाक़ात हुई मगर ऐसा लगा ही नहीं कि पहली बार मिल रहा हूँ, तीनो ही केवल शब्दों के ही धनी नहीं हैं बल्कि एक उम्दा और विलक्षण शख्ससियत भी रखते हैं और जब गुरु जी (पंकज सुबीर जी) की निर्मल, निश्छल ज्ञान धारा और अविस्मर्णीय प्यार का हमें सानिध्य मिला तो लगा के शायद ही कोई और भी खुशनसीब होगा मगर गौतम भैय्या और कंचन दीदी की वहां पे कमी बहुत, बहुत ज्यादा महसूस हुई. उम्मीद है किसी खास मुलाक़ात के लिए ईश्वर ने वो पल रखा होगा.
17 comments:
यादें ही याद आती है ......और यादें ही याद लाती है .....बशीर बद्र जी के कायल तो हम है ही .....शुक्रिया अपनी यादें हमसे बाटने का
http://athaah.blogspot.com/
Zindagi aapko aise avismarneey pal sada bahal kare,yahi dua hai!
विचारणीय प्रस्तुती और ब्लॉग की सार्थकता /
achhi prastuti
http://sanjaykuamr.blogspot.com/
अविस्मरणीत और जीवन के अनमोल क्षण...यही यादें सहेजे रहियेगा और ऐसे मौके आते रहें, अनेक शुभकामनाएँ.
जन्म दिवस की अब बधाई.
बहुत आनन्द आया देखकर.
अंकित वाकई तुम लाडले हो हमारे ( गुरु कुल )... सीहोर के बारे में कुछ भी कहने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं फिर से आता हूँ और एक बार फिर से जन्मदिन की ढेरो बधाईयाँ ...
अर्श
जन्म दिन की बधाई ..
सफ़र जारी रहे हूँ ही !
आपका कारवां बढ़ता रहे !
अंकित भाई
सबसे पहले तो फिर से आपको जन्मदिन की हार्दिक बधाइयां
आप बहुत खुशदिल इंसान हैं और आपसे मिलना आपके साथ दो दिन रहना मेरे लिए सुखद रहा
अब बात करूँ सीहोर कार्यक्रम और आपकी पोस्ट पर,, तो भाई इक ही शाद मेरे पास बचा है और वो है ...
"अकल्पनीय"
सीहोर जा कर वो सब कुछ मिल गया जहां तक मैंने सोचा भी नहीं था
जनम दिन का इस से बेहतर तोहफा कोई सोच भी नहीं सकता...मुझे तुम्हारी किस्मत पे रश्क है...तुमने वो सब कुछ पाया जिसके हम अब तक ख्वाब ही देखते आये हैं...खुश रहो और ज़िन्दगी में ऐसे लम्हें खूब पाओ...
नीरज
अंकित सफ़र ...
एक जाना-पहचाना-सा नाम
अपना-अपना-सा
सब से पहले तो तुम्हें जन्म दिन की
बहुत बहुत बधाई
और
सिरोह में आयोजित किये गये
भव्य साहित्यिक समारोह में भाग लेने हेतु
अर्श, वीनस, रवि, और अंकित
आप सब को बहुत बहुत मुबारकबाद
बहुत-बहुत शुभकामनाएँC
Arrre WAH.....Double Badhai..ek Janmdin ki doosri Sihore ke is shaandaar karyakram ki...
यार, बुरा मानो तो मानो...
पर थोडा रश्क तो हुआ ही मुझे....
बशीर साहब मूलत: मेरठ के हैं, पर मुझे वो मौका नसीब नहीं हुआ जो तुम्हे हुआ....
खैर, बधाइयाँ!
आप सभी कि बधाइयों के लिए शुक्रिया,
@ मुफलिस जी, अर्श भाई के फ़ोन पे आपसे बात हुई थी, शायद आपको याद आ गया होगा और मैं जाना पहचाना से शायद जाना बन गया हूँगा
@ आशीष जी, मैं दुआ करता हूँ की आपको भी बशीर साहेब से मिलने का मौका ज़रूर मिले
फिर से...फिर-फिर से मन-मसोस कर रह गये हम।
...और सालगिरह की देर से ही सही, खूब-खूब सारी शुभकामनायें तुमको अंकित। खूब नाम कमाओ, खूब प्रगति करो...!
...and get a beutiful bride for yourself
अब
आया हूँ ...
तो
गौतम राजरिशी की बात ही
दोहरा देता हूँ
...and get a beautiful bride for yourself...
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